बंजारा मन है ये पागल हवा की तरह
इसमें आवारापन है हवा की तरह
इसको रोको नहीं इसको टोको नहीं
जाने दो इसको चाहे जहाँ ये वहां।
नाचे लहरों पे ये डूबे मंझधार में
बादलों की तरह उड़े आकाश में
इसको रोको नहीं…………..।
कोई सीमा नहीं कोई बंधन नहीं
कभी इस देश में कभी उस देश में
इसको रोको नहीं……………।
बंजारा मन है ये पागल हवा की तरह
इसमें आवारापन है हवा की तरह
इसको रोको नहीं इसको टोको नहीं
जाने दो जाना चाहे जहाँ ये वहां।