बंजारा मन है ये पागल हवा की तरह
इसमें आवारापन है हवा की तरह
इसको रोको नहीं इसको टोको नहीं
जाने दो इसको चाहे जहाँ ये वहां।
नाचे लहरों पे ये डूबे मंझधार में
बादलों की तरह उड़े आकाश में
इसको रोको नहीं…………..।
कोई सीमा नहीं कोई बंधन नहीं
कभी इस देश में कभी उस देश में
इसको रोको नहीं……………।
बंजारा मन है ये पागल हवा की तरह
इसमें आवारापन है हवा की तरह
इसको रोको नहीं इसको टोको नहीं
जाने दो जाना चाहे जहाँ ये वहां।
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बंजारा मन
जिन्दगी का फलसफा
किसी के आंसू पोंछ
किसीको दे हंसा
जीवन तो यही है
बाकी सब असार है
दुःख बाँट बढ़े नहीं
सुख बाँट घटे नहीं
जिन्दगी का फलसफा
बड़ा मजेदार है
बीत गया बात गयी
आगे को चलाचल
पीछे मुड़ देखना
एकदम बेकार है
जीवन एक लड़ाई है
खुद अपने आपसे
रोज़ एक नया है द्वन्द
यही तो संसार है
बंजारा घूम घूम
सीख है बटोरता
उन्ही से करता
अब ये व्यापार है
भाये तो खरीद लो
बदले में सीख देना
आज नगद और
कल उधार है.