किसी के आंसू पोंछ
किसीको दे हंसा
जीवन तो यही है
बाकी सब असार है
दुःख बाँट बढ़े नहीं
सुख बाँट घटे नहीं
जिन्दगी का फलसफा
बड़ा मजेदार है
बीत गया बात गयी
आगे को चलाचल
पीछे मुड़ देखना
एकदम बेकार है
जीवन एक लड़ाई है
खुद अपने आपसे
रोज़ एक नया है द्वन्द
यही तो संसार है
बंजारा घूम घूम
सीख है बटोरता
उन्ही से करता
अब ये व्यापार है
भाये तो खरीद लो
बदले में सीख देना
आज नगद और
कल उधार है.
bohut sundar likha hai aapne, shabdo ka khel bohut sundar aur rochak laga
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Thanks, Somaji.
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